राजस्थान LDC भर्ती 2018: नए सिरे से होगा जिला-विभागों का आवंटन, ढेरों शिकायतों के बाद गहलोत सरकार का फैसला

राजस्थान LDC भर्ती 2018: नए सिरे से होगा जिला-विभागों का आवंटन, ढेरों शिकायतों के बाद गहलोत सरकार का फैसला


” नए सिरे से होगा जिला-विभागों का आवंटन, ढेरों शिकायतों के बाद गहलोत सरकार का फैसला “

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिपिक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा-2018 के अभ्यर्थियों को जिला एवं विभागों का आवंटन पुनः नई प्रक्रिया से करने के निर्देश दिए। ऐसे में अब लिपिक ग्रेड द्वितीय के अभ्यर्थियों का नए सिरे से जिला आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। गौरतलब है कि एलडीसी भर्ती में विभागों व जिले के बंटवारे को लेकर ढेरों शिकायतें सामने आईं, जिसके बाद मुख्यमंत्री स्तर पर ये फैसला लिया गया।
सीएम गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयों पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मेरिट के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध करवाई जाएँ। उसके बाद संबंधित विभाग मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर उन्हें जिला आवंटित करे।
उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि भविष्य में सभी भर्तियों में प्रथम नियुक्ति सभी विभागों द्वारा मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर ही दी जाए।
जिले आवंटन में सामने आई गड़बड़ियाँ
एलडीसी भर्ती में मेरिट के अनुसार जिला आवंटित नहीं होने से चयनित अभ्यर्थियों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा था। इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री व प्रशासनिक सुधार विभाग के शासन सचिव तक से की थी। सफल अभ्यर्थियों ने जिला आंवटित करने में कईं विसंगतियां बताई थी।
बताया जा रहा है कि कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को गृह जिलें में ही नियुक्ति दे दी गई जबकि अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थियों को गृह जिले से बाहर कई किलोमीटर दूर जिला आंवटित कर दिया गया।
दरअसल, भर्ती नियमों में चयनित अभ्यर्थियों को मेरिट के अनुसार जिला आवंटित कर नियुक्ति देने का प्रावधान है। इसके बावजूद भी विभाग ने अभ्यर्थियों की मेरिट को नजरअंदाज किया और मनमाने तरीके से गृह जिले से बाहर नियुक्ति दी है। जबकि विभाग को चयनित अभ्यर्थियों को उनकी मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी जानी चाहिए थी।
ये रहीं अभ्यर्थियों की शिकायतें
कनिष्ठ सहायक लिपिक ग्रेड द्वितीय सीधी भर्ती-2018 के चयनितों को जिला और विभाग आबंटन के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने 4 मई को सूची जारी की थी, इसके बाद हडकंप मच गया था। कई चयनित अभ्यर्थियों 500 किमी दूर तक जिले आवंटित कर दिए गए। इसमें कई महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं।
अभ्यर्थियों ने रोष ज़ाहिर करते हुए प्रक्रिया पर सवाल उठाए और जिले की वरियता को दरकिनार करने के आरोप लगाए। कुछ अभ्यर्थियों का कहना था कि विभाग ने जिस साफ्टवेयर को काम में लिया है, वाही गड़बड़ी का कारण है।

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